मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा में है भारतीय सेना का यह कदम या पीछे है कोई और डर

जय प्रकाश साहू /संपादक “प्रभात खबर के अनुसार” INDIAN ARMY : अयोध्या में रामलला विराजमान का भव्य मंदिर बनने के बाद पूरी दुनिया की नजर इस धार्मिक नगरी पर टिक गई है. दुनिया के कोने-कोने से लोग आस्था लेकर आ रहे हैं और उल्लास के साथ लौट रहे हैं.
अयोध्या में पूरा निजाम बदला-बदला सा नजर आ रहा है. यह निजाम रामलला का है और उन्हीं को लेकर शहर की रौनक परवान चढ़ रही है. इस बदलते माहौल के साथ लोगों के रोजगार, विकास और समृद्धि के सपने भी परवान चढ़ रहे हैं.
यही बदलाव भारतीय सेना के लिए थोड़ी चिंता और थोड़ी निराशा का सबब लेकर आ रहा है. भारतीय सेना को अयोध्या से अपना फायरिंग रेंज हटाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. बल्कि यों कहें कि भारतीय सेना ने यहां से फायरिंग रेंज हटाने की पूरी तैयारी कर ली है.
रामलला के सम्मान में सेना हटा रही फायरिंग रेंज?
रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या विश्वपटल पर वेटिकन सिटी और यरूशलम की तरह की धार्मिक नगरी के रूप में उभरी है. और धार्मिक नगरी में हिंसा या हथियार का क्या काम?
उसमें भी श्रीराम तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. उन्हें भारत का शाश्वत राष्ट्रनायक भी कहा जाता है. ऐसे में श्रीराम की मर्यादा का ध्यान रखना सभी देशवासी का और यहां तक कि भारतीय सेना का भी कर्तव्य है. पर भारतीय सेना के हवाले से आ रहे संकेत से पता चलता है कि अयोध्या से फायरिंग रेंज हटाने के पीछे रामलला को आर्मी का शांति-नमन नहीं बल्कि कोई और मजबूरी है.
कहीं रामललला के विराजमान होने के बाद असुरक्षित तो नहीं
भारतीय सेना की ओर से जारी बयान से पता चलता है कि रामलला के विराजमान होने के बाद वहां का फायरिंग रेंज असुरक्षित हो गया है. सेना के जवानों के लिए वहां फायरिंग की प्रैक्टिस खतरे से खाली नहीं है.
रामलला के विराजमान होने के बाद वहां नया और भव्य एयरपोर्ट भी बना है. इस कारण विमानों की आवाजाही भी खूब है. फायरिंग रेंज इसी एयरपोर्ट के उड़ान-पथ के बीच में पड़ गया है. इस कारण फायरिंग रेंज के ऊपर से विमान लगातार उड़ते रहते हैं. ऐसी स्थिति में वहां सेना के जवानों के लिए फायरिंग का अभ्यास अब खतरे से खाली नहीं है. इसी कारण फायरिंग रेंज को वहां से हटाने का फैसला लेना पड़ा है.
चीन से युद्ध की आशंका में बनेंगे नए फायरिंग रेंज
भारतीय सेना एक ओर जहां अयोध्या से फायरिंग रेंज हटाने के लिए मजबूर हो रही है, वहीं सीमावर्ती इलाकों में कई नए फायरिंग रेंज हटाने की संभावना भी विचार कर रही है. खासकर चीन से युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत-चीन की नियंत्रण रेखा के पास कई जगहों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. इनमें से कई पूर्वोत्तर भारत के इलाके में है.