महिला जनप्रतिनिधि के अधिकार को सशक्त बनाना है मकसद

केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय इस परंपरा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में जुट गया है. मंत्रालय प्रॉक्सी प्रतिनिधित्व को खत्म करने और जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत पंचायती राज मंत्रालय ने स्थानीय ग्रामीण शासन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़ी आकर्षक डिजिटल सामग्री की एक श्रृंखला के निर्माण के लिए द वायरल फीवर (टीवीएफ) के साथ समझौता किया है ।
पंचायती राज संस्थाओं में प्रधान पति, सरपंच पति और मुखिया पति वास्तविक हकीकत है. अब सरकार इस हकीकत को बदलने की तैयारी में जुट गयी है. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्रधान पति ही पंचायत के सारे काम निपटाने का काम करते है और यह परंपरा बन गयी है. अब केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय इस परंपरा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में जुट गया है. मंत्रालय प्रॉक्सी प्रतिनिधित्व को खत्म करने और जमीनी स्तर पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत पंचायती राज मंत्रालय ने स्थानीय ग्रामीण शासन को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़ी आकर्षक डिजिटल सामग्री की एक श्रृंखला के निर्माण के लिए द वायरल फीवर (टीवीएफ) के साथ समझौता किया है.
पंचायत के वास्तविक हकीकत को पेश करने वाली वेब-सीरीज पंचायत की दुनिया पर बनी टीवीएफ की इस प्रोडक्शन में नीना गुप्ता, चंदन रॉय और फैसल मलिक जैसे प्रसिद्ध कलाकार शामिल हैं. इनमें से पहली फिल्म ‘असली प्रधान कौन?’ का प्रीमियर 4 मार्च, 2025 को आयोजित किया गया. यह मंत्रालय के ‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ के शुभारंभ के साथ ही शुरू हुआ. इस फिल्म को देश भर से पंचायती राज संस्थाओं की 1200 से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सामने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया ।
महिला जनप्रतिनिधि के अधिकार को सशक्त बनाना है मकसद
फिल्म ‘ असली प्रधान कौन? ‘ में यह बताया गया है कि एक महिला ग्राम प्रधान लोक कल्याण के लिए अपनी शक्तियों का प्रभावी इस्तेमाल कैसे कर सकती है. यह फिल्म ‘सरपंच पति’ संस्कृति के मुद्दे को सामने लाती है, जहां परिवार के पुरुष सदस्य निर्वाचित महिला नेताओं का काम करते हैं. इसके कारण पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है. फिल्म में मशहूर अभिनेत्री नीना गुप्ता ने अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि ऐसी कहानियों का हिस्सा बनना खुशी की बात है. यह ग्रामीण भारत में महिलाओं के सामने आने वाली वास्तविक जीवन की चुनौतियों को सामने लाती है. सरकार की कोशिश पंचायती राज व्यवस्था और संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और भूमिकाओं को स्थापित करना है.
अभिनेता दुर्गेश कुमार और बुल्लू कुमार की मौजूदगी में यह फिल्म मंत्रालय के जमीनी स्तर पर प्रभावशाली बदलाव लाने के मिशन को आगे बढ़ाएगी. साल भर चलने वाला ‘सशक्त पंचायत नेत्री अभियान’ देश भर में पंचायती राज संस्थाओं की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए बनाया गया है. यह पंचायती राज पदों पर चुनी गई महिलाओं के कौशल और आत्मविश्वास के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा. ताकि महिलाएं संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों का प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकें ।.